Tuesday, August 16, 2016

sammelan

इन्दौर। विश्वकर्मा एकीकरण अभियान की श्रृंखला में अखिल भारतीय विश्वकर्मा विराट संघ के तत्वाधान में सर्व विश्वकर्मा पांचाल जांगिड़ समाज महासभा, प्रान्तीय विश्वकर्मा समाज महासभा, विश्वकर्मा पांचाल महिला समाज महासभा, मध्य प्रदेश विश्वकर्मा लौहकार समाज समिति एवं मध्य प्रदेश विश्वकर्मा कास्टकार समाज समिति का संयुक्त राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन व सम्मान समारोह और समाज की सत्ता में भागीदारी एक मिशन पर परिचर्चा का आयोजन अहिल्या की पावन धरती इन्दौर में 20 सितम्बर, 2015 को गाँधी सभागार में अनेकों संकल्प एवं विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के साथ सम्पन्न हुआ। 
प्रमुख अतिथिगण-
    गरिमामयी समारोह में प्रमुख अतिथिगणों में अखिल भारतीय विश्वकर्मा विराट संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्व श्री रामेश्वर सोनी पांचाल महू, अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के प्रधान कैलाश शर्मा बरनेला इन्दौर, अखिल भारतीय विश्वकर्मा पांचाल महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचन्द वर्मा पांचाल एवं हेमराज भाई पांचाल भीचैली मर्दना (मध्यप्रदेश), सफल उद्योगपति, वरिष्ठ समाज सेवी, युवा नेता संजय शर्मा जमशेदपुर (झारखण्ड), सुप्रसिद्ध कथावाचक जयंती भाई शास्त्री (गुजरात), वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता दिलीप सिंह राजपाल (पंजाब), राष्ट्रीय प्रेरक राजनाथ विश्वकर्मा मुम्बई (महाराष्ट्र), विश्वकर्मा वैभव के सम्पादक अजय भारद्वाज गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), झारखण्ड प्रभारी शंकर प्रताप विश्वकर्मा, राजस्थान प्रभारी दुर्गेश पांचाल, हरियाणा प्रभारी नरेन्द्र पांचाल, बी0एन0 विश्वकर्मा पटना (बिहार), राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश चन्द्र बघेला भुज (गुजरात), अनिल विश्वकर्मा (उड़ीसा), रामेश्वर शर्मा (छत्तीसगढ़), वेदप्रकाश शर्मा (दिल्ली), डॉ0 अरूण शर्मा कानपुर (उत्तर प्रदेश), डॉ0 प्रकाश विश्वकर्मा अमरावती (महाराष्ट्र), प्रभाकर विश्वकर्मा (छत्तीसगढ़), रांची प्रभारी संगीता शर्मा (झारखण्ड), वरिष्ठ पत्रकार एवं युवा नेता राजेश झा झाँसी (उत्तर प्रदेश), कड़िया समाज अध्यक्ष दीपक भाई परमार (गुजरात), अशोक विश्वकर्मा नैनी (उत्तर प्रदेश), मनसुख भाई पांचाल, मुम्बई (महाराष्ट्र), प्रदीप शर्मा (उत्तरांचल) आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। 
विशेष अतिथिगण-
    इस अवसर पर विशेष अतिथिगणों में सर्व श्री डी0आर0 विश्वकर्मा, अशोक विश्वकर्मा कटनी, अशोक विश्वकर्मा, सागर विश्वकर्मा मैहर, बंशीलाल शर्मा, जगदीश पांचाल, महेश विश्वकर्मा, शिवकुमार शर्मा, कैलाश मैथिल, उमेश करोटिया, श्याम शर्मा, गीता करोटिया, महेश शर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, परसराम विश्वकर्मा उज्जैन, जगदीश विश्वकर्मा, उमाशंकर विश्वकर्मा, भगवानदास विश्वकर्मा भोपाल, बृजकिशोर विश्वकर्मा, हरनाम झा होशंगाबाद, कैलाश पांचाल, मदनलाल पांचाल, साधना पांचाल बढ़ नगर, बालमुकुन्द विश्वकर्मा, सुनील विश्वकर्मा पाली, शिवकुमार विश्वकर्मा अनूपपुर, श्रीमती सरोज विश्वकर्मा बिजूरी, केशव विश्वकर्मा चचाई, कमल विश्वकर्मा मेडियारास, धनपत विश्वकर्मा मरगुड़ी, जे0एल0 विश्वकर्मा, कपूरिया बाई विश्वकर्मा, कौशल विश्वकर्मा उमरिया, प्रहलाद विश्वकर्मा, बलराम विश्वकर्मा, भगवानदास विश्वकर्मा, जगदीश विश्वकर्मा विदिशा, राजीव विश्वकर्मा जबलपुर, राजकुमार विश्वकर्मा देवास, संतोष विश्वकर्मा खरगोन, जी0पी0 विश्वकर्मा, काशी प्रसाद विश्वकर्मा सागर, बालेन्दु विश्वकर्मा सतना, घनश्याम पंवार जोवट, मोहन विश्वकर्मा कालापीपल, दिवाकर विश्वकर्मा बीना, नारायण ओझा अशोक नगर, सागर कुमार विश्वकर्मा मैहर, बेनीप्रसाद विश्वकर्मा बैरागढ़, ओमप्रकाश विश्वकर्मा शाजापुर, कैलाश विश्वकर्मा, मथुराप्रसाद विश्वकर्मा, मुकेश ओझा बीनागंज, सुदामा भटोद्रा अलीराजपुर, ओमप्रकाश विश्वकर्मा शहडोल, घनश्याम विश्वकर्मा रतलाम, गणपत विश्वकर्मा दमोह आदि सहित अन्य गणमान्य बुद्धिजीवी समाज बन्धु विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता-
    कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष रामअवध विश्वकर्मा ने की, जबकि मंच का कुशल संचालन प्रदेश प्रभारी रमेश विश्वकर्मा (पत्रकार) ने की। मध्यप्रदेश सहित गुजरात, झारखण्ड, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, उड़ीसा, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश आदि 15 प्रदेशों के विशेष अतिथियों सहित मध्य प्रदेश के 28 विभिन्न जिलों के आमंत्रित अथितियों सहित 5,000 से अधिक संख्या में समाजबन्धु उपस्थित थे। कार्यक्रम में एक और आकर्षक का केन्द्र था, जिसमें एक अमेरिका से समाजबन्धु ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को चार-चाँद लगा दिये।
दीप प्रज्जवलन-
मंचासीन अतिथियों ने भगवान श्री विश्वकर्मा के चित्रपट पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर पूर्ण मंत्रोच्चारण के साथ एवं विधि-विधान से राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन व सम्मान समारोह और समाज की सत्ता में भागीदारी एक मिशन पर परिचर्चा का औपचारिक रूप से शुभारम्भ किया। उसके पश्चात सभी मंचासीन अतिथियों का पुष्पाहार से स्वागत किया गया।
    अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामअवध विश्वकर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि भारत के विभिन्न प्रान्तों के सर्व विश्वकर्मा वंशजो की हस्तियों के पदार्पण से हम भाव-विभोर हैं तथा इन्दौर में देश के सुदूर प्रांतों से पधारे अतिथियों के आगमन व समाज के महात्मा गाँधी तथा अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष, रामेश्वर सोनी पांचाल एवं विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के अभियान प्रमुख ज0एन0 विश्वकर्मा (पूर्व आईएएस) के आशीर्वाद का ही परिणाम है कि यह विशाल कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका। 5 हजार से अधिक सामाजिक बन्धुओं से खचाखच भरा समारोह स्थल इस बात का घोतक है कि समाज में चेतना का संचार हुआ है। इसलिए विभिन्न प्रांतों सहित मध्यप्रदेश के सुदूर जिलों से भी सामाजिक बन्धुओं की भरमार है। पधारे सभी महानुभावों का स्वागत है।
    प्रदेश प्रभारी एवं अखिल भारतीय विश्वकर्मा विराट संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश विश्वकर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह चमत्कार अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भीष्म पितामह रामेश्वर सोनी पांचाल एवं विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के अभियान प्रमुख जे0एन0 विश्वकर्मा का है, जो विगत कई वर्षों से समाज की सेवा करते आ रहे हैं, जिसके कारण ही काफी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी। आप सभी का अभिनन्दन है।
    सर्व विश्वकर्मा पांचाल जांगिड़ समाज महासभा के अध्यक्ष शरद शर्मा (वास्तु शास्त्र) ने कहा कि प्रभु विश्वकर्मा की कृपा से सर्व विश्वकर्मा वंशजों का राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन किया गया है, जिसमें देश भर से विश्वकर्मा बन्धु पधारे हैं, उन सबका स्वागत करते हैं। मध्यप्रदेश विश्वकर्मा लोहार समाज समिति के अध्यक्ष संजय मालवीय ने कहा कि राष्ट्रीय विश्वकर्मा सम्मेलन में देश के कोने-कोने से जुटे बन्धुओं का स्वागत करते हुए कहा कि एकजुटता का प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। यह अगर पहले से दिखता, तो आज हम और कहीं होते, फिर भी आज हमने विराट स्वरूप को दिग्दर्शन कराया है और आगे भी इसी तरह कराते रहें। प्रभु विश्वकर्मा हम सबको शक्ति प्रदान करे।
मध्य प्रदेश विश्वकर्मा पांचाल महासभा के पूर्व अध्यक्ष मदनलाल पांचाल बलेड़ी ने कहा कि विश्वकर्मा वंशज मनु, मय, तवष्ठा, शिल्पी, दैवज्ञ सृष्टि के निर्माण के प्रतीक हैं। भगवान विश्वकर्मा की पाँचों संताने आज के आधुनिकीकरण के दौर में बिखराव के कारण दिग्भ्रम की स्थिति में पहुँच गई है। एकजुटता के लिए आप सभी धन्यवाद के पात्र हैं। प्रान्तीय विश्वकर्मा समाज महासभा के अध्यक्ष बी0आर0 विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा वंशज अशिक्षित होने के कारण इतिहास को नहीं जानते, हमारे समाज के लोग न तो साहित्य पढ़ते हैं और न सम्मान करते हैं। जिसके फलस्वरूप अपने आपको पहचान नहीं पाते। अगर आप वेद-पुराण व अन्य साहित्य को पढ़ेंगे, तो मालूम होगा कि विश्वकर्मा वंशज की क्या भूमिका रही है। इसलिए आपसे अपील करता हूँ कि आप वेद-पुराण को पढ़ें और बताये हुए मार्गों पर चलकर अग्रसर हों। अ0भा0 युवक-युवती परिचय सम्मेलन का उत्कृष्ट संचालन अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के सागर संभाग अध्यक्ष जी0पी0 विश्वकर्मा एवं प्रदेश महामंत्री रमेश विश्वकर्मा (पत्रकार) ने अपने मधुर एवं ओजस्वी वाणी से मंच की गरिमा को बनाये रखा। व्यवस्था में सर्वश्री जयलाल शर्मा, अशोक विश्वकर्मा, बंशीलाल शर्मा, जगदीश विश्वकर्मा, शरद शर्मा, मांगीलाल पांचाल, उमाशंकर विश्वकर्मा, विनोद शर्मा, भगवानदास विश्वकर्मा, शिवकुमार शर्मा, बी0आर0 विश्वकर्मा, कमल विश्वकर्मा, अनोखीलाल पांचाल, सुमेर शर्मा, संजय मालवीय, उत्तम विश्वकर्मा, रेणुका पांचाल, भूपेन्द्र धारवा, जे0के0 मिस्त्री, हरीश शर्मा, संतोष विश्वकर्मा, भानुप्रताप पांचाल, मुकेश विश्वकर्मा, एम0एल0 विश्वकर्मा, बिरजु शर्मा, नेकीलाल विश्वकर्मा, महेश विश्वकर्मा, कैलाश मैथिल, उमेश करोटिया, श्याम शर्मा, गीता करोटिया, महेश शर्मा, आर0के0 विश्वकर्मा, माधवी शर्मा, जगदीश पांचाल, आदि का सहयोग सराहनीय रहा।
    शरद शर्मा वास्तुशास्त्र द्वारा भगवान श्री विश्वकर्मा जी की भव्य व आकर्षक झाँकी को अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय संचालक तथा मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ प्रभारी वरिष्ठ समाजसेवी  वी0के0 विश्वकर्मा ‘पांचालरत्न’ और प्रदेश अध्यक्ष रामअवध विश्वकर्मा, संरक्षक जयलाल शर्मा, संभाग प्रभारी जगदीश विश्वकर्मा, जिला महामंत्री उमाशंकर विश्वकर्मा अनोखीलाल पांचाल सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा ढोल-ढमाके के साथ गाँधी सभागार में विश्वकर्मा भगवान की जयघोष करते हुए प्रवेश किया। रास्ते में पुष्प की वर्षा होती रही, और उपस्थित सामाजिक बन्धुओं ने खुशी से झूमते हुए भगवान श्री विश्वकर्मा की अगवानी की। उपस्थित जनसमूह सभागार में खड़े होकर जयघोष करते रहे और मंच से पण्डितों द्वारा शंखनाद होता रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानो भगवान श्री विश्वकर्मा वास्तव में विश्वकर्मा बन्धुओं के बीच विराजमान हो गये। यह क्षण देखते ही बनता था और यह भी आभास हो रहा था कि उनके साथ अन्य देवी-देवताएं भी सम्मिलित होकर आसन पर विराजमान हो गये। उपस्थित जनसमूह यह दृश्य देखकर आनन्दित थे, भाव-विभोर थे। पण्डितगणों द्वारा वेद उच्चारण के साथ उनकी पूजा-अर्चना की गई और पाँच जोड़े यजमानों द्वारा हवन कर प्रार्थना की गई कि भगवान विश्वकर्मा वंशजों को सुखी और सानन्द रखें और समाज को शिखर की चोटी पर पहुँचाने हेतु आशीर्वाद देने की कृपा करें। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की आरती हुई और अतिथियों सहित उपस्थित सभी जमसमूह द्वारा अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर आरती की सुन्दर प्रस्तुति दी। इसके साथ ही विश्वकर्मा विराट सम्मेलन की शुरूआत हुई। 
राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन-
    राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन व सम्मान समारोह का कुशल संचालन अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के प्रदेश प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री रमेश विश्वकर्मा पत्रकार ने देश के कोने-कोने से जुटे विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे मनीषियों का स्वागत करते हुए कहा कि अब विश्वकर्मा एकीकरण अभियान पूरे देश के समस्त प्रदेशों में चलाया जा रहा है। जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी और गोवा से सिक्किम तक इस तरह के आयोजन कर विश्वकर्मा वंशजों में जागृति लाने का प्रयास किया जा रहा है। जहाँ तक मध्यप्रदेश की बात है, तो मध्य प्रदेश के इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, नर्मदापुरम, भोपाल, सागर, शहडोल संभाग में विश्वकर्मा महाकुम्भ की शानदार सफलता के बाद पुन: एक बार अहिल्या की नगरी इन्दौर की पावन धरती पर गाँधी हॉल में राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन एवं सम्मान समारोह एवं समाज की सत्ता में भागीदारी एक मिशन पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे देश के विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों से ख्याति प्राप्त एवं प्रतिष्ठित चिंतक, शिक्षाविद्, सामाजिक पुरोधा, उद्योगपति, संगठनों के प्रखर सचेतक ने भाग लिया।
अभिनन्दन-
    इस मौके पर अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर सोनी पांचाल महू का अभिनन्दन किया गया, उन्हें शाल-श्रीफल प्रशस्ति पत्र के साथ प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। इस मौके पर प्रमुख अतिथियों सहित आमंत्रित विशेष अतिथियों को भी शाल-श्रीफल प्रशस्ति पत्र एवं पुष्पाहार से शानदार स्वागत किया गया, जिसमें 151 मनीषियों एवं प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।
विमोचन-
    इस मौके पर एक विशेषांक साप्ताहिक पत्रिका (युवा शक्ति टाइम्स) का प्रकाशन किया गया, जिसमें विवाह योग्य युवक-युवतियों का बायोडाटा फोटो चित्रावली का संग्रह किया गया है, जिसका विमोचन अतिथिगणों द्वारा किया गया। इसको देखकर सभी ने सराहना की और कहा कि नि:शुल्क सम्मेलन से निश्चित ही विश्वकर्मा समाज लाभान्वित होंगे। साथ ही साथ समाज के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा।
    राष्ट्रीय विश्वकर्मा विराट सम्मेलन में समाज के प्रबुद्धजनों के उद्बोधन में नवयुवकों व महिलाओं की सक्रिय भागीदारी, समाज में सभी का सम्मान, बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ एवं सामाजिक एकता पर प्रभावी ढंग से अपने-अपने विचार रखे।
हुकुमचन्द वर्मा पांचाल, सिमरौल-
    राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचन्द वर्मा पांचाल सिमरौल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि यह अभियान, अखिल भारतीय विश्वकर्मा विराट संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर सोनी पांचाल एवं विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के राष्ट्रीय अभियान प्रमुख जे0एन0 विश्वकर्मा की देन है, क्योंकि विराट संघ के नियमावली में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि विराट संघ में मनु, मय, त्वष्ठा, शिल्पी, दैवज्ञ, पांचाल, जांगिड़, धीमान, रामगढ़िया, टांक, मैथिल, झा, ओझा आदि का समावेश है, जिससे अनेकता में एकता का प्रदर्शन हो और सब मिल-जुलकर कार्य करें और प्रभु विश्वकर्मा का विराट स्वरूप को दिग्दर्शन कराकर लाभ लेवें। उसी श्रृंखला में आज सर्व विश्वकर्मा वंशजों का महाकुंभ इन्दौर में सम्पन्न हुआ, जो एक अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक है, जिसको भुलाया नहीं जा सकता।
मनसुख भाई पांचाल, मुम्बई-
    मुम्बई से पधारे मनसुख भाई पांचाल ने उपस्थित जन सैलाब को सम्बोधित करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि विश्वकर्मा कोई जाति नहीं है। यह एक वर्ग है और विश्वकर्मा का सम्बन्ध किसी जाति विशेष से न होकर शिल्प के समग्र परिवेश से है। आज सभागार में पधारे सभी बन्धुओं का हार्दिक स्वागत है।
हेमराज भाई पांचाल, भीचैली मर्दना-
    अखिल भारतीय विश्वकर्मा पांचाल महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमराज भाई पांचाल ने कहा कि हम पाँच हैं और हम सब एक हैं। परन्तु अलग-अलग शाखाओं में बँटे होने के कारण अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए आप अभियान से जुड़कर एकता की मिशाल कायम करें। समस्त उपस्थित भाई-बहनों से अपील करते हुए कहा कि विश्वकर्मा समाज के कार्यक्रम में कहीं भी आमंत्रित किया जाता है वहाँ अवश्य पधारना चाहिए, ताकि आयोजक का मनोबल बढ़ाया जा सके।  
राजनाथ विश्वकर्मा, मुम्बई-
    राष्ट्रीय प्रेरक राजनाथ विश्वकर्मा ने कहा कि आज आवश्यकता है एकता की। जब तक एकजुट नहीं होंगे, तब तक समाज का विकास व प्रगति संभव नहीं है। अत: आइये एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए विश्वकर्मा के विराट स्वरूप को दिग्दर्शन करायें।
बी0एन0 विश्वकर्मा, पटना-
    बिहार से पधारे बी0एन0 विश्वकर्मा ने कहा कि आज का सम्मेलन किसी विशेष शाखा का न होकर सर्व विश्वकर्मा वंशजों के अनेकों शाखाओं के सहयोग से संयुक्त कार्यक्रम है, जिसमें सभी वर्गों के सामाजिक बन्धु सम्मिलित होकर विश्वकर्मा समाज का गौरव बढ़ाया है। यह कहने में कोई संकोच नहीं कि बिखरे विश्वकर्मा समाज के पाँचों वर्ग एकीकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं, इसका जीता-जागता उदाहरण आज का विराट सम्मेलन है।
रामचन्द्र बघेला, भुज-
    गुजरात से पधारे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामचन्द्र बघेला ने कहा कि कोई भी समाज जब तक राजनीति की मुख्य धारा में शामिल होकर देश व प्रदेश की राजनीति में अपनी सक्रियता नहीं निभायेगा, तब तक उसका चतुर्दिक विकास संभव नहीं होगा।
शंकर प्रताप विश्वकर्मा, झारखण्ड-
    झारखण्ड प्रभारी शंकर प्रताप विश्वकर्मा ने कहा कि राजनीति सत्ता में भागदारी वह पूँजी है, जो किसी जाति, वर्ग अथवा समुदाय की उन्नति के द्वार खोलती है। राजनीति सत्ता की कुँजी जिस वर्ग के पास है अथवा जो वर्ग कुँजी के जितना नजदीक है, वह उतनी ही तेजी से आगे बढ़ गया है।
संगीता शर्मा, रांची-
    झारखण्ड से पधारी संगीता शर्मा ने कहा कि आज आवश्यकता है, महिलाऐं भी पुरूष के साथ मिलकर कदम से कदम मिलाकर चलें, ताकि हम भी किसी क्षेत्र में पीछे न रहें। यहाँ यह देखकर मैं बहुत खुश हूँ कि महिलाओं की जनसंख्या पुरूषों की जनसंख्या से अधिक है। बिखरे विश्वकर्मा वंशजों की शक्ति क्षीण हो रही है। इस क्षीण होती शक्ति के संचयन के लिए एकीकरण आवश्यक है। मैं सभी उपस्थित बहनों को बधाई देती हूँ। 
उद्योगपति युवा नेता संजय शर्मा-
    जमशेदपुर से पधारे अतिथि युवा नेता और सफल उद्योगपति संजय शर्मा ने अपने उत्प्रेरक उद्बोधन में कहा कि पूरे देश में सामाजिक सम्मेलनों में शिरकत क रता हूँ, परन्तु मध्य प्रदेश स्थित इन्दौर में जो नजारा देखने को मिला, वह पहली बार देखने को मिला है, जिसमें सामाजिक बन्धुओं की अपार भीड़ उमड़ी है। आज सुनहरा सुअवसर मिला है कि हम सब एकसाथ मिलकर भविष्य की रणनीति बनाकर उस पर अमल करने का प्रयास करें, ताकि विश्वकर्मा समाज का विकास तीव्र गति से हो सके। साथ ही साथ समाज की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित हो। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वयक समिति बनाने का भी प्रस्ताव दिया। आयोजन हेतु आयोजकों की प्रशंसा करते हुए बधाई दी और इसी तरह के आयोजन जमशेदपुर में करने का विचार बताया।
विख्यात विश्वकर्मा कथावाचक जयंती भाई शास्त्री-
    गुजरात से पधारे विख्यात विश्वकर्मा कथावाचक जयंती भाई शास्त्री ने कहा कि मैं देशभर में घूम-घूम कर विश्वकर्मा कथा का वाचन करता हूँ पर मुझे जो मध्यप्रदेश के इन्दौर में देखने को मिला, वह कहीं नहीं मिला। गाँधी सभागार में जितने सामाजिक बन्धु उपस्थित हैं, उसके तीन गुना सामाजिक बन्धु बाहर हैं। कहते हुए मैं गौरवान्वित महसूस करता हूँ कि मैंने जिस समाज में जन्म लिया है वह समाज पत्थर को तरास कर देवी-देवताओं के स्वरूप को गढ़ता है और वह स्वरूप मंदिर में विराजमान होकर लोग उसकी पूजा करते हैं। सफल आयोजन हेतु आयोजकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और विश्वास दिलाता हूँ कि आप जब और जहां भी मुझे याद करेंगे, वहाँ मैं अवश्य ही पधारूँगा।
प्रधान कैलाश शर्मा बरनेला-
    अ0भा0 जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के प्रधान, कैलाश शर्मा बरनेला ने कहा कि आज बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि नगर इन्दौर में विश्वकर्मा वंशजों का महाकुम्भ लगा है और मुझे भी समागम में सम्मिलित होने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए आयोजनकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए बधाई देता हूँ। आज विश्वकर्मा वंशजों को जो स्थान मिलना चाहिए था, वह स्थान नहीं मिल पाया है। उस स्थान को पाने के लिए ही सबको एक साथ मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। शनै:-शनै: हम उसमें कामयाबी भी हासिल करेंगे। इन्हीं आशाओं के साथ उपस्थित बन्धुओं को पुन: हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर सोनी पांचाल-
    अखिल भारतीय विश्वकर्मा विराट संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर सोनी पांचाल ने कहा कि हमने विभिन्न प्रान्तों में भ्रमण कर समस्त शाखाओं के प्रतिनिधियों से मिलकर एक सशक्त संगठन का निर्माण वर्ष 2000 में अखिल भारतीय विश्वकर्मा विराट संघ के नाम से पंजीयन कराकर विश्वकर्मा पुत्रों की सेवा करते आ रहा हूँ और जवाहरवाणी के माध्यम से विश्वकर्मा समाज के गतिविधियों को प्रकाशित कर सेवा में समर्पित करते आ रहा हूँ। आज  मेरा जो अभिनन्दन किया गया, वह मेरा नहीं विश्वकर्मा समाज का अभिनन्दन है, आप सभी का अभिनन्दन है। आप सभी की मेहनत का परिणाम है कि मेरी मंशा के अनुसार गरिमामय समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जो सराहनीय है। इसके लिये वी0के0 विश्वकर्मा, खासकर तन-मन-धन से सहयोग कर आयोजन को संपन्न कराने वाले प्रदेश अध्यक्ष राम अवध विश्वकर्मा एवं प्रदेश प्रभारी रमेश विश्वकर्मा की पूरी टीम सहित समस्त पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद देता हूँ। आशा करता हँू कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम कर सामाजिक बन्धुओं को लाभान्वित करते रहेंगें।
    महाकुंभ में प्रमुख अतिथियों सहित महाराष्ट्र, उ0प्र0, बिहार, झारखण्ड, उत्तरांचल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, गुजरात आदि राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त एवं प्रतिष्ठित चिंतक, शिक्षाविद्, सामाजिक पुरोधा, उद्योगपति, समाजसेवियों एवं प्रतिभाओं का पुष्पाहार व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर 151 मनीषियों का सम्मान किया गया। इसके पूर्व अ0भा0 युवक-युवती परिचय सम्मेलन में लगभग 543 युवतियों ने भाग लिया, जबकि प्रविष्टियाँ 765 आईं। जिसमें 23 रिश्ते तय हुए और रिश्ते आपस में बातचीत के जरिए होने की प्रबल संभावना है। देश भर से बधाईयों का संदेश प्राप्त हो रहे हैं। सामाजिक बन्धुओं का मानना है कि इतना विशाल एवं गरीमामय कार्यक्रम पहली बार इन्दौर में देखने को मिला है। इसके लिए प्रदेश प्रभारी रमेश विश्वकर्मा एवं प्रदेश अध्यक्ष राम अवध विश्वकर्मा, प्रदेश संरक्षक जयलाल शर्मा, संभागाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, अध्यक्ष शरद शर्मा, अध्यक्ष बी0आर0 विश्वकर्मा, संभाग प्रभारी मांगीलाल पांचाल, प्रदेश संचालक बंशीलाल शर्मा, महिला अध्यक्ष रेणुका पांचाल, समाज सेवी जे0के0 मिस्त्री, उपाध्यक्ष अनोखीलाल पांचाल, अध्यक्ष संजय मालवीय, अध्यक्ष उत्तम विश्वकर्मा, युवा नेता मुकेश विश्वकर्मा, भानुप्रताप पांचाल, विनोद शर्मा, जगदीश विश्वकर्मा, सुमेर शर्मा, उमाशंकर विश्वकर्मा, उमेश करोटिया, श्याम शर्मा, गीता करोटिया, माधवी शर्मा, भगवानदास विश्वकर्मा आदि बधाई के पात्र हैं। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। विश्वास है कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन में अपना सहयोग करते रहेंगें।  
वी0के0 विश्वकर्मा, भोपाल का विषेष निवेदन-
    अ0भा0 विश्वकर्मा विराट संघ कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के राष्ट्रीय संचालक वी0के0 विश्वकर्मा ‘पांचालरत्न’ ने क्रान्तिकारी व अपने ओजस्वी शैली में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उपस्थित महानुभावों का मन मोह लिया और उपस्थित सामाजिक बन्धुओं ने तालियों की गड़-गड़ाहट के साथ स्वागत किया और सभी ने एक कंठ से, एक स्वर से कार्यक्रम की सराहना की। बेटी बचाने बेटी पढ़ाने का संकल्प दिलाते हुए उपस्थित जनसमूह को भू्रण हत्या रोकने की अपील करते हुए समस्त बेटियों को मंच पर आमंत्रित कर पुष्पहार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया गया। अहिल्या की पावन धरती इन्दौर के गाँधी सभागार में उपस्थित जनसमूह को सहयोग के लिए आभार और कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु ध्न्यवाद और किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा-याचना करते हुए कहा कि ‘मुझे खेद है कि हम आप सभी को बैठने की जगह मुहैया नहीं करा पाये, क्योंकि आपकी इतनी उपस्थिति हुई कि हाल बहुत ही छोटा पड़ गया। अब भविष्य में इस तरह का विराट सम्मेलन किसी हॉल में नहीं, बल्कि किसी पार्क या मैदान में करने की आवश्यकता है। अगर आप सबका इसी प्रकार का सहयोग व आशीर्वाद मिलता रहा, तो भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी, उसकी मुझे उम्मीद हीं नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है।’ अभी-अभी नासिक में महाकुंभ लगा है, उसी प्रकार अहिल्या की नगरी इन्दौर की पावन धरती पर विश्वकर्मा महाकुंभ देखने को मिला, जहाँ पर सर्व विश्वकर्मा वंशजों का संयुक्त आयोजन किया गया। भारत वर्ष में बिखरे विश्वकर्मा समाज के बंधुगण पहली बार हजारों किमी दूर-दूर से आये हैं, इसका जीता जागता उदाहरण है। यह एक एतिहासिक क्षण है, जिसमें देश व प्रदेश के विभिन्न स्थानों से कोई पैदल, कोई मोटर साइकिल से, कोई कार से, कोई बस से, कोई ट्रेन से, तो कोई हवाई मार्ग से भारत के हृदय मध्य प्रदेश के इन्दौर में पधारे सम्मानित प्रमुख अतिथियों, आमंत्रित अतिथियों, पदाधिकारियों एवं उपस्थित भाई-बहनों का हार्दिक स्वागत है, वंदन है, अभिनन्दन है। हम हृदय से आभारी हैं आयोजन समिति के संयोजक मण्डल, संरक्षक मण्डल, युवा मण्डल, महिला मण्डल तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति का जिन्होंने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देकर गरिमामय आयोजन को ऐतिहासिक बनाया, जिसको भुलाया नहीं जा सकता।
    इस मौके पर प्रमुख व विशेष अतिथि के साथ ही देश-प्रदेश से पधारे हजारों की संख्या में विश्वकर्मा बंधु उपस्थित रहे।

1 comment: